विडाल (टाइफाइड) टेस्ट क्या है कब और क्यों किया जाता है? पूरी जानकारी | What is Widal Test in Hindi

Widal Test in Hindi: विडाल टेस्ट एक महत्वपूर्ण रक्त डायग्नोस्टिक टेस्ट है, जिसका उपयोग टायफॉइड (मियादी बुखार) की पहचान के लिए किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में Salmonella typhi और Salmonella paratyphi बैक्टीरिया के खिलाफ बनने वाले एंटीबॉडी का पता लगाया जाता है। जब किसी व्यक्ति को लंबे समय तक बुखार, कमजोरी, पेट दर्द और अन्य लक्षण होते हैं, तो डॉक्टर टायफॉइड के संक्रमण का पता लगाने के लिए Widal टेस्ट की सलाह दे सकते हैं। यह टेस्ट सही समय पर निदान और उपचार में सहायक होता है, तो आईए जानते हैं विडाल टेस्ट के बारे में संपूर्ण जानकारी विस्तार से-

विडाल टेस्ट क्या है | What is Widal Test in Hindi

विडाल टेस्ट एक रक्त का टेस्ट है जिसे टाइफाइड के नाम से भी जाना जाता है जो टाइफाइड बुखार के संक्रमण का पता लगाता है। यह टेस्ट शरीर में मौजूद टाइफाइड के खिलाफ बने एंटीबॉडी की मात्रा का पता लगाता है।

टाइफाइड साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया की वजह से होता है। यह आमतौर पर दूषित भोजन और गंदे पानी के सेवन से होता है, विडाल टेस्ट को पहली बार 1896 में जॉर्ज फर्डिनेंड विडाल ने किया था जिनके नाम पर इसका नाम विडाल टेस्ट पड़ा। जब व्यक्ति में टाइफाइड संक्रमण होता है, तो उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली इस बीमारी के खिलाफ एंटीबॉडी बनाती है, और विडाल टेस्ट इनका पता लगाता है।

विडाल टेस्ट कब किया जाता है?

विडाल टेस्ट मुख्य रूप से निम्न स्थितियों में किया जाता है:

  • टाइफाइड बुखार के लक्षण दिखाने वाले व्यक्तियों में
  • टाइफाइड के संपर्क में आने वाले व्यक्तियों में
  • व्यक्ति को भूख की कमी होने पर
  • गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल व्यक्ति को पेट में पर समस्या हो सकती है कब्ज और दस्त भी हो सकते हैं
  • सर दर्द हाथ पैर दर्द शरीर में दर्द

विडाल टेस्ट का उपयोग टाइफाइड बुखार के निदान और उपचार में किया जाता है।

Widal test kya hai in hindi

विडाल टेस्ट की कैसे किया जाता है?

 विडाल टेस्ट एक महत्वपूर्ण जांच है जो विडाल टेस्ट खून से होता है और टाइफाइड बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर द्वारा बनाए गए एंटीबॉडी की मात्रा का पता लगाता है। यह विडाल टेस्ट की लागत आमतौर पर 100-500 रुपये के बीच होती है। टेस्ट आमतौर पर दो प्रकार से किया जाता है जिसमें पहले स्लाइड मेथड होता है और दूसरा ट्यूब  मेथड  से होता है ।

1.  स्लाइड मेथडसबसे पहले मरीज का रक्त का एक नमूना लिया जाता है और उसे क्लॉट होने के लिए रख दिया जाता है क्लोट होने के बाद रक्त का तरल भाग निकाल लिया जाता है जिसे सीरम कहते हैं यह सीरम सेंट्रीफ्यूज मशीन द्वारा रक्त को सेंट्रीफ्यूज करके  निकाला जाता है  अब सीरम की एक  बूंद ली जाती है जैसे कांच की एक स्लाइड पर रखा जाता है और उसे पर मरीज का नाम अंकित कर दिया जाता है सीरम ड्रॉप में एंटीजन सॉल्यूशन की एक बूंद को मिलाया जाता है अब इसे साफ टूथपिक या कांच की रोड से दोनों बूंद को मिलाया जाता है।

दोनों में रिएक्शन हो इसके लिए स्लाइड को 4 से 5 मिनट घुमाया जाता है जो क्लाकवाइज एवं एंटीक्लाकवाइज घूमते हैं रिएक्शन देखने के लिए 40 एक मैग्नीफिकेशन पर माइक्रोस्कोप के अंदर स्लाइड को चेक करते हैं यदि बैक्टीरिया हमने लगे तो विडाल पॉजिटिव रिजल्ट माना जाता है यदि बैक्टीरिया ना जमे तो बिडल का नेगेटिव रिजल्ट माना जाता है।

2. ट्यूब मेथड: सबसे पहले मरीज का रक्त नमूना लिया जाता है और उसे क्लॉट होने के लिए क्लॉट एक्टीवेटर ट्यूब में रख दिया जाता है ब्लड क्लोट होने के बाद सीरम को शिकाओं से अलग कर लिया जाता है जो की सेंट्रीफ्यूज मशीन द्वारा सेंट्रीफ्यूज करके निकाला जाता है इसके बाद पेशेंट के नाम का लेवल लगा दिया जाता है जिससे कि सैंपल में बदलाव न हो, इसके बाद चार टेस्ट ट्यूब में एंटीजन सॉल्यूशन के एक अलग-अलग सॉल्यूशन घोल को डाल देते हैं।

पेशेंट का जो सीरम है उसका फिक्स अमाउंट निश्चित मात्रा में सभी टेस्ट ट्यूब में डाल दिया जाता है इन सभी टेस्टों की जो सामग्री है उन्हें अच्छी तरह से कांच की रोड द्वारा मिक्स करके 24 घंटे के लिए 37°C पर इनक्यूबेट किया जाता है। एग्लूटिनेशन के लिए टेस्ट ट्यूब को चेक करें अगर बैक्टीरिया जमने लगे या या गोल फट जाए तो रिजल्ट पॉजिटिव माना जाता है।

इस परीक्षण के परिणाम से डॉक्टर टाइफाइड के निदान में मदद लेते हैं और उचित उपचार की सिफारिश करते हैं। विडाल टेस्ट एक महत्वपूर्ण जांच है जो टाइफाइड का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

विडाल के लक्षण

विडाल टेस्ट पॉजिटिव होने के कई कारण हो सकते है जैसे:

  • तेज बुखार
  • सिरदर्द
  • थकान और कमजोरी
  • पेट में दर्द
  • अपच और कब्ज
  • ठंड लगना

ऐसी स्थिति में विडाल टेस्ट पॉजिटिव होता है टेस्ट पॉजिटिव होने की स्तिथि में अपने डॉक्टर से सलाह के आधार पर दवाओं का उपोग चालू कर देना चाहिए। विडाल टेस्ट का परिणाम डॉक्टर द्वारा सावधानीपूर्वक व्याख्या किया जाता है। यह सुनिश्चित करता है कि संक्रमण के बारे में सही जानकारी मिले।

टाइफाइड के बैक्टीरिया दो प्रकार के होते हैं:

  1. साल्मोनेला टाइफी (Salmonella Typhi) जिसे S. Typhi के नाम से भी जाना जाता है।
  2. साल्मोनेला पैराटाइफी(Salmonella paratyphi) जैसे S. Paratyphi के नाम से भी जाना जाता है।

S. Typhi में दो प्राइमरी एंटीजन “O” और” H” होता है जो इस प्रकार है:

  • S. Typhi “O”
  • S. Typhi “H”

विडाल टेस्ट के परिणाम और अर्थ

विडाल टेस्ट के परिणामों में एंटीबॉडी की मात्रा को बताता है। इस टाइटर का सामान्य रेंज 1:80 से 1:160 तक होता है। यदि टाइटर 1:80 से अधिक होता है, तो संक्रमण की उपस्थिति को पॉजिटिव माना जाता है। यदि टाइटर  1:160 से कम होता है, तो संक्रमण की अनुपस्थिति को नेगेटिव माना जाता है।

विडाल टेस्ट के नार्मल रेंज

अध्ययनों के अनुसार, विडाल टेस्ट नार्मल रेंज चार्ट में निम्नलिखित रेंज है:

WI WIDAL TEST  1:20 1:401:80 1:1601:320  1:640
O   O TYPHI  +    +  +  +  _  _
H    H TYPHI  +    +  +  _  _  _
एंटीबॉडी टाइटरअर्थ
1:160 से कमनेगेटिव (टाइफाइड संक्रमण की अनुपस्थिति को दर्शाता है)
1:80  से अधिकपॉजिटिव (टाइफाइड संक्रमण की उपस्थिति को दर्शाता है)
विडाल टेस्ट नार्मल रेंज चार्ट

विडाल टेस्ट नेगेटिव के लक्षण

यदि विडाल टेस्ट का रिजल्ट आता है तो सैंपल में एंटीजन तो और ह की वैल्यू 1:160 से l कम होती है विडाल टेस्ट नेगेटिव होने पर, शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा कम होती है। यह संकेत है कि टाइफाइड बैक्टीरिया नहीं हैं। टाइफाइड टेस्ट रिपोर्ट नार्मल रेंज में होने पर, उपचार की जरूरत नहीं होती।

नोट: “विडाल टेस्ट के परिणामो में छोटे-छोटे बदलाव भी महत्वपूर्ण हो सकते हैं, क्योंकि ये टाइफाइड संक्रमण को दर्शाते हैं।”

निष्कर्ष

विडाल टेस्ट (Widal Test in Hindi) एक महत्वपूर्ण रक्त परीक्षण है जो टाइफाइड बुखार का पता लगाता है। यह शरीर में मौजूद टाइफाइड बैक्टीरिया के खिलाफ एंटीबॉडी की मात्रा को मापता है। विडाल टेस्ट के परिणाम टाइफाइड संक्रमण की स्थिति को बताते हैं, और डॉक्टरों को समय पर उपचार शुरू करने की सलाह देते हैं।

यह टेस्ट कई कारणों से महत्वपूर्ण है। पहले, यह टाइफाइड बुखार के लक्षण होने पर निदान करने में मदद करता है। दूसरे, यह शरीर में एंटीबॉडी की मात्रा को मापकर संक्रमण की गंभीरता का आकलन करता है। तीसरे, यह अन्य बीमारियों के समान लक्षणों के कारण गलत निदान से बचाता है।

सामान्य रूप से, विडाल टेस्ट टाइफाइड संक्रमण का सटीक पता लगाने में मदद करता है। यह समय पर उपचार को सुनिश्चित करता है और जटिलताओं को रोकता है। यह परीक्षण डॉक्टरों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो टाइफाइड बुखार का निदान करता है और इसका प्रबंधन करता है।

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FAQ

विडाल टेस्ट क्या है?

विडाल टेस्ट एक आम रक्त परीक्षण है जो टाइफाइड बुखार के संक्रमण का पता लगाता है।

विडाल टेस्ट कब किया जाता है?

विडाल टेस्ट सिर दर्द, तेज बुखार, हाथ पैर, दर्द, भूख न लगना आदि संकेत होने पर किया जाता है इसका उद्देश्य उनकी बीमारी का सही निदान करना है।

विडाल टेस्ट कैसे किया जाता है?

विडाल टेस्ट के लिए एक छोटा सा रक्त नमूना लिया जाता है। इस नमूने का लैब में परीक्षण किया जाता है।

विडाल टेस्ट के पॉजिटिव लक्षण क्या हैं?

विडाल टेस्ट पॉजिटिव होने पर तेज बुखार, सिर दर्द, हाथ पैर दर्द, भूख न लगना पेट से जुड़ी समस्या या लूज मोशन होना आदि लक्षण हो सकते हैं

डाल टेस्ट के नेगेटिव लक्षण क्या हैं?

यदि टेस्ट के पश्चात रिजल्ट “O” और “H” एंटीजन 1:160 से कम आते हैं तो विडाल टेस्ट नेगेटिव माना जाता है।

विडाल टेस्ट का नार्मल रेंज क्या होता है?

विडाल टेस्ट के परिणाम में एंटीबॉडी का टाइटर बताया जाता है। नार्मल रेंज 1:80 से 1:160 तक होता है। 1:80 या 1:160 से ऊपर का टाइटर पॉजिटिव होता है। 1:80 या 1:160 से कम का टाइटर नेगेटिव होता है।

Sushil Niranjan

मैं सुशील निरंजन लैब टेक्नीशियन हूं और हेल्थ के क्षेत्र में जानकारी रखता हूं एवं हेल्थ से संबंधित जानकारी सांझा करना अच्छा लगता है और लिखना पसंद है इसीलिए मैं आपके लिए जानकारी इस पोस्ट के माध्यम से लिखता हूं आशा है यह पोस्ट आपको पसंद आती होगी आगे भी लिखता रहूंगा

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