VDRL टेस्ट क्या है? सिफलिस का परीक्षण l What is VDRL Test in hindi
VDRL Test in Hindi: VDRL टेस्ट (Venereal Disease Research Laboratory test) एक रक्त परीक्षण है, जिसका उपयोग सिफिलिस (Syphilis) नामक यौन संचारित रोग का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह परीक्षण शरीर में सिफिलिस के कारण बनने वाले एंटीबॉडीज़ की उपस्थिति का पता लगता है।
सिफिलिस एक गंभीर रोग है, जो समय पर उपचार न मिलने पर शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए इसकी समय पर पहचान और उपचार बेहद जरूरी होता है। VDRL टेस्ट सिफिलिस का शुरुआती चरणों में पता लगाने में मदद करता है, जिससे इस बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है। तो आईए जानते हैं विस्तार –
Contents
वीडीआरएल टेस्ट क्या है | What is VDRL Test in Hindi
Venereal Disease Research Laboratory Test in Hindi (VDRL) टेस्ट एक रक्त जांच है जो आपके अंदर सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज सिफलिस है या नहीं का पता लगता है। जो सिफलिस जैसे वेनेरियल रोगों का पता लगाता है। यह शरीर में मौजूद एंटीबॉडियों की मात्रा को मापता है। सिफलिस संक्रमण का संकेत हो सकता है। यह टेस्ट सिफलिस के विभिन्न चरणों में किया जाता है।
कुछ प्रमुख तथ्य:
- वीडीआरएल टेस्ट सिफलिस के पता लगाने में मदद करता है।
- यह टेस्ट शरीर में मौजूद एंटीबॉडियों की मात्रा को मापता है।
- VDRL टेस्ट सिफलिस के विभिन्न चरणों में किया जा सकता है।
- यह टेस्ट बताता है कि व्यक्ति में सिफलिस का संक्रमण है या नहीं।
- VDRL टेस्ट का फुल फॉर्म “वेनेरियल डिजीज रिसर्च लैबोरेटरी” है।
Syphilis क्या है?
Syphilis टेस्ट एक चिकित्सक परीक्षण है जिसका उपयोग सिफलिस नमक यौन संचारित(STI) रोग का पता लगाने के लिए किया जाता है सिफलिस एक बैक्टीरिया Treponema Pallidum के कारण होता है और इसका सही समय पर निदान न होने पर यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है जैसे कि दिल, दिमाग, और नसों को नुकसान पहुंचाना इत्यादि।
जेनिटल (Genital), रेक्टम(Rectum) और मुंह से फैलती है शुरुआती स्टेज में जहां संक्रमण है उन जगहों पर दर्द रहित घाव बनते हैं जो आगे चलकर रैशेज में बदल जाता है
Syphilis के निदान के लिए क्या-क्या जांच होती है?
Syphilis के निदान के लिए निम्न जांच होते हैं-
- VDRL टेस्ट (Venereal Disease Research Laboratory): यह शरीर में एंटीबॉडी की उपस्थिति की जांच करता है जिससे सिफलिस के संक्रमण के कारण उत्पन्न होती है।
- RPR टेस्ट (Rapid Plasma Research): यह टेस्ट भी एंटीबॉडी का पता लगता है और सिफलिस के संक्रमण की पुष्टि करने के लिए उपयोग माना जाता है।
- TPHA(Treponema Assay): यह टेस्ट सीधे उस बैक्टीरिया का पता लगता है जिससे सिफलिस होने का कारण बनता है।
सिफलिस के लक्षण नजर आने पर या एवं संस्करणों का संदेह होने पर डॉक्टर इन टेस्टों की सलाह देते हैं जिससे वह बैक्टीरिया का पता लगा सके और सही उपचार कर सकें।
वीडीआरएल(VDRL) टेस्ट का महत्व
इस परीक्षण का परिणाम किसी भी स्वस्थ व्यक्ति में नेगेटिव ही पाया जाता है उन्हें कोई भी एंटीबॉडीज नहीं मिलेगी इस टेस्ट का परिणाम अगर पॉजिटिव आता है तो इसको आगे किसी करना पड़ता है वीडीआरएल टेस्ट का महत्वपूर्ण उपयोग सिफलिस के शुरुआती चरणों में संक्रमण का पता लगाना है। यह परीक्षण सिफलिस संक्रमण का पता लगाने में सक्षम है।
इसका उपयोग गर्भवती महिलाओं और अन्य जोखिम वर्गों में किया जाता है। परीक्षण के सकारात्मक परिणाम का मतलब है कि व्यक्ति में सिफलिस का संक्रमण है।
अगर आप गर्भवती महिला है और आपको सिफलिस से ग्रस्त हैं तो यह आपके होने वाले बच्चों को भी हो सकता है अगर आपने अपने उपचार नहीं करवाया तो गर्भपात समय से पहले बच्चे का जन्म, जन्म के दौरान या उसके बाद बच्चे की मौत, या फिर जन्म के 28 दिनों के अंदर मौत हो सकती है सिफलिस के उपचार में यह जरूरी है कि आप दवाइयां की पूरी खुराक लेने और समय-समय पर अपना चेकअप करवाते रहे।
वेनेरियल रोग के लिए जांच
वेनेरियल रोग यौन संपर्क से फैलता है। इसमें सिफलिस, गोनोरिया, हर्पीज़ और क्लेमाइडिया शामिल हैं। वीडीआरएल टेस्ट इन रोगों का पता लगाता है। यह पुरुष और महिला दोनों में किया जाता है और संक्रमण के स्तर को जानता है।
वीडीआरएल टेस्ट पॉजिटिव मतलब है कि व्यक्ति में वेनेरियल रोग है। इन रोगों का समय पर पता लगाना जरूरी है। यह गुप्तांग, तंत्रिका तंत्र या रक्त संचरण के संक्रमण को रोकता है।
वेनेरियल रोगों का समय पर पता लगाना और उपचार करना जरूरी है। यह संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य समस्याओं से बचने में मदद करता है। VDRL टेस्ट इन रोगों के पता लगाने में काफी मदद करता है।
वीडीआरएल टेस्ट का उद्देश्य
वीडीआरएल टेस्ट सिफलिस का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह रक्त में एंटीबॉडियों की जांच करता है। सिफलिस के शुरुआती चरणों में लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए यह टेस्ट महत्वपूर्ण है।
रोग की गंभीरता का आकलन किन चरणों में होता है?
Syphilis एक गंभीर यौन संचारित रोग (STD) है जो Treponema pallidum नामक बैक्टीरिया से होता है। यदि इसका समय पर उपचार न किया जाए, तो यह शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसकी गंभीरता को निम्नलिखित चरणों में देखा जा सकता है:
- प्राथमिक चरण (Primary Stage): संक्रमित स्थान पर एक या अधिक दर्दरहित घाव होते हैं। यह चरण सामान्यतः 3-6 हफ्ते तक रहता है और उपचार से आसानी से ठीक हो जाता है।
- द्वितीयक चरण (Secondary Stage): त्वचा पर रैश, म्यूकस मेम्ब्रेन पर घाव, बुखार, थकान, गले में खराश, सिरदर्द, और बाल झड़ना जैसे लक्षण दिखते हैं। यह लक्षण कुछ हफ्तों तक रहते हैं और बिना इलाज के भी ठीक हो सकते हैं, लेकिन बैक्टीरिया शरीर में मौजूद रहते हैं।
- गुप्त चरण (Latent Stage): इस चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते, लेकिन बैक्टीरिया शरीर में सक्रिय रहते हैं। यह अवस्था सालों तक चल सकती है।
- तृतीयक चरण (Tertiary Stage): यह संक्रमण के 10-30 साल बाद भी हो सकता है। इसमें हृदय, मस्तिष्क, तंत्रिका तंत्र, आँखें, और अन्य अंग गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। यह चरण जानलेवा हो सकता है।
समय पर उपचार से सिफिलिस को ठीक किया जा सकता है, लेकिन अगर इसे अनदेखा किया जाए, तो यह जानलेवा साबित हो सकता है।वीडीआरएल टेस्ट सिफलिस की गंभीरता को बताता है।
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VDRL टेस्ट कैसे किया जाता है?
VDRL टेस्ट एक प्रयोगशाला परीक्षण है जिसमें रक्त नमूना लिया जाता है। इस नमूने को प्रयोगशाला भेजा जाता है और एंटीबॉडी की मात्रा जांच की जाती है। यह टेस्ट सिफलिस के विभिन्न चरणों में किया जाता है।
VDRL Test in Hindi Related FAQ
निष्कर्ष:
वीडीआरएल (VDRL) टेस्ट एक रक्त परीक्षण है जो सिफिलिस के संक्रमण का पता लगाने के लिए किया जाता है सिफिलिश यौन संबंध बनाने से फैलता है। यौन संबंध बनाने से पहले कंडोम का अच्छे से इस्तेमाल किया जाए तो संक्रमण से बचा जा सकता है सिफलिस का संक्रमण बहुत ही गंभीर जनक होता है। वीडीआरएल टेस्ट के बारे में आपको समस्त जानकारी प्राप्त हो गई होगी। अगर आपके मन में कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट के माध्यम से बता सकते हैं एवं इस पोस्ट को अपने दोस्तों एवं परिवार जनों के साथ शेयर करें।
FAQ
वीडीआरएल टेस्ट क्या है?
वीडीआरएल टेस्ट एक रक्त जांच है जो सिफलिस जैसे रोगों का पता लगाता है। यह शरीर में एंटीबॉडियों की मात्रा को मापता है।
वीडीआरएल टेस्ट का उद्देश्य क्या है?
इसका मुख्य उद्देश्य सिफलिस संक्रमण का पता लगाना है। सिफलिस की गंभीरता का आकलन भी करता है।
वीडीआरएल टेस्ट कैसे किया जाता है?
इस टेस्ट के लिए रक्त नमूना लिया जाता है। फिर प्रयोगशाला में इसकी जांच की जाती है। एंटीबॉडियों की मात्रा का पता लगाया जाता है।
वीडीआरएल टेस्ट के परिणाम क्या मतलब होते हैं?
सकारात्मक परिणाम संक्रमण का संकेत है। नकारात्मक परिणाम संक्रमण का मतलब नहीं है।
वीडीआरएल टेस्ट कब किया जाता है?
सिफलिस के शुरुआती चरणों में इसका उपयोग होता है। गर्भवती महिलाओं और जोखिम वर्गों में भी किया जाता है।
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