Serum Bilirubin Test in Hindi: सीरम बिलिरुबिन टेस्ट (पीलिया की जांच) क्या है? पूरी जानकारी
Serum bilirubin Test in Hindi: एक रक्त परीक्षण है इसका उपयोग पीलिया एनीमिया और यकृत रोग का परीक्षण करता है यह तब होता है जब RBC कोशिकाओं का एक भाग टूट जाता है सीरम बिलिरुबिन एक महत्वपूर्ण जैव रासायनिक तत्व है, जो शरीर में पित्त के निर्माण और रक्त कोशिकाओं के टूटने के परिणामस्वरूप उत्पन्न होता है। यह रक्त में बिलिरुबिन के स्तर को मापता है, जो यकृत की सेहत और पित्त पथ के कार्य को दर्शाने का प्रमुख संकेत है।
सामान्य से अधिक सीरम बिलिरुबिन का स्तर शरीर में विभिन्न रोगों, विशेष रूप से पीलिया और यकृत विकारों का संकेत हो सकता है। इस ब्लॉग में हम सीरम बिलिरुबिन के महत्व, इसके सामान्य और असामान्य स्तरों के प्रभाव, और इससे जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं पर चर्चा करेंगे।
Contents
सीरम बिलिरुबिन टेस्ट क्या है | Serum bilirubin Test in Hindi
सीरम बिलिरुबिन टेस्ट एक रक्त परीक्षण है जो खून में बिलिरुबिन के स्तर को मापता है। यह पीलिया की स्थिति का पता लगाने में मदद करता है। बिलिरुबिन एक प्राकृतिक रंगद्रव्य है जो लिवर में बनता है और शरीर से बाहर निकाला जाता है। इससे आखों, नाखून, और त्वचा का पीला पड़ जाना है। सीरम बिलिरुबिन टेस्ट का मुख्य उद्देश्य लिवर और पाचन तंत्र की समस्याओं का पता लगाना है।
- सीरम बिलिरुबिन टेस्ट एक रक्त का प्रयोगशाला परीक्षण है जो रक्त में बिलिरुबिन के मात्रा को मापता है।
- यह पीलिया की स्थिति का पता लगाने में मदद करता है।
- इस परीक्षण से पीलिया जैसी स्थितियों की पहचान की जा सकती है।
बिलिरुबिन: एक शरीर के लिए प्राकृतिक उत्पाद है,
बिलिरुबिन एक प्राकृतिक रंगद्रव्य है जो शरीर में कई कार्य करता है। यह लिवर में बनता है और हीमोग्लोबिन के कम होने या आरबीसी का एक भाग टूट जाने से उत्पन्न होता है। अगर बिलिरुबिन के स्तर सामान्य हैं, तो शरीर के लिए अच्छा होता है। लेकिन अगर स्तर बहुत अधिक हो जाते हैं, तो स्वास्थ्य के लिए खतरा हो सकता है। इसका मुख्य कार्य हीमोग्लोबिन के में बिखरे कचरे को हटाना है।
बिलिरुबिन के उच्च स्तर के कारण
बिलिरुबिन के स्तर कई कारणों से बढ़ सकते हैं, जैसे: लिवर की समस्याएं, न्यूबॉर्न जॉन्डिस, हेपेटाइटिस सी,अन्य संक्रमण
अगर बिलिरुबिन का स्तर बहुत अधिक होता है, तो पीलिया हो सकता है। त्वचा आखें नाखून और सफेद पदार्थ पीले हो जाते हैं। यह स्वास्थ्य के लिए गंभीर हो सकता है, इसलिए बिलिरुबिन के स्तर को नियंत्रित करना जरूरी है।
नोट; “बिलिरुबिन शरीर के लिए एक प्राकृतिक और महत्वपूर्ण उत्पाद है, लेकिन इसके उच्च स्तर स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं।”
लिवर डिसफंक्शन और बिलिरुबिन स्तर
लिवर का काम है बिलिरुबिन बनाना और शरीर से निकालना। अगर लिवर में कोई समस्या है, तो बिलिरुबिन का स्तर बढ़ता है। लिवर डिसफंक्शन का कारण कई हैं, लेकिन हेपेटाइटिस सी एक बड़ा कारण है।
हेपेटाइटिस सी और बिलिरुबिन
हेपेटाइटिस सी लिवर की बीमारियों में से एक है। यह लिवर को नुकसान पहुंचाता है और बिलिरुबिन को निकलने नहीं देता है। इस कारण से बिलिरुबिन का स्तर बढ़ता है और पीलिया होता है। “लिवर में कोई समस्या होने पर, बिलिरुबिन का स्तर बढ़ जाता है। यह पीलिया के रूप में दिखाई देता है।”
बिलीरुबिन टेस्ट से क्या पता चलता है?
बिलीरुबिन टेस्ट से निम्न जानकारी मिलती है:
- लिवर की कार्यक्षमता का आकलन
- पीलिया या लिवर संबंधी बीमारियों का पता
- जन्मजात बीमारियों का पता
- हेपेटाइटिस समस्याओं का निदान
इस प्रकार, सीरम बिलिरुबिन परीक्षण शरीर के कार्यों का आकलन करता है और कई समस्याओं की पहचान करता है।
परीक्षण | सामान्य मूल्य | उच्च मूल्य का अर्थ | कम मूल्य का अर्थ |
सीरम बिलिरुबिन टोटल- डायरेक्ट- इंडरेक्ट- | 0.3 – 1.2 mg/dL 0.0 – 0.3mg/dl 0.0 – 0.8mg/dl | लिवर या पाचन तंत्र की समस्या | हीमोग्लोबिन के अधिक ब्रेकडाउन से |
बिलीरुबिन का उत्पादन कैसे होता है?
बिलिरुबिन (Serum bilirubin) का उत्पादन हीमोग्लोबिन के विघटन के परिणामस्वरूप होता है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है और ऑक्सीजन परिवहन में मदद करता है। जब इन लाल रक्त कोशिकाओं का विघटन होता है, तो बिलिरुबिन का उत्पादन होता है। कैसे होता है
हीमोग्लोबिन का विघटन
लाल रक्त कोशिकाएं जो हीमोग्लोबिन को ले जाती हैं, लगभग 120 दिनों के बाद टूट जाती हैं। जब ये कोशिकाएं टूटती हैं, तो बिलिरुबिन का उत्पादन होता है। यह प्रक्रिया लिवर द्वारा प्रक्रिया की जाती है और अंततः मल के साथ बाहर निकाल दिया जाता है।
लक्षण | कारण |
त्वचा और आंखों का पीलापन | पीलिया का होना |
पेट में दर्द | लिवर सम्बंधित समस्याओं के कारण |
मूत्र का गहरा रंग | बिलीरुबिन का अधिक स्रावण |
सीरम बिलिरुबिन टेस्ट खून में बिलिरुबिन के स्तर को मापकर लिवर और पाचन तंत्र की समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है। बिलिरुबिन का उत्पादन हीमोग्लोबिन के विघटन के कारण होता है, जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है।
Also Read –
- SGPT टेस्ट क्या है कब और क्यों किया जाता है? पूरी जानकारी
- ESR Test क्या है एवं कब किया जाता है? पूरी जानकारी
- CBC Test क्या है और क्यों किया जाता है? पूरी जानकारी
निष्कर्ष
सीरम बिलीरुबिन टेस्ट (Serum bilirubin Test in Hindi) पीलिया या लिवर संबंधी बीमारी का पता लगाने में मदद करता है। यह लिवर और पाचन तंत्र की समस्याओं को पहचानता है। सामान्य बिलीरुबिन स्तर जानना बहुत जरूरी है, क्योंकि अधिक स्तर स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
बिलीरुबिन स्तर में वृद्धि के कारण और प्रभाव को समझना जरूरी है। यह पता लगाना कि कितने gm/dl है और कितना खतरनाक है और कितने दिनों में ठीक होगा, उपचार को समझने में मदद करता है।
कुल मिलाकर, सीरम बिलीरुबिन टेस्ट लिवर और पाचन तंत्र की समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है। यह सामान्य स्तर और उच्च स्तर के प्रभाव को समझने में मदद करता है।
FAQ
सीरम बिलिरुबिन टेस्ट क्या है?
सीरम बिलिरुबिन टेस्ट एक रक्त का प्रयोगशाला परीक्षण है जो खून में बिलिरुबिन के स्तर को मापता है। यह लिवर और पाचन तंत्र की समस्याओं के बारे में जानकारी देता है। इस परीक्षण से पता लगाया जा सकता है कि क्या पीलिया या लिवर संबंधी बीमारी है।
प्रकृति में बिलिरुबिन क्या है?
बिलिरुबिन एक प्राकृतिक रंगद्रव्य है जो लिवर में बनता है। यह हीमोग्लोबिन के विघटन से उत्पन्न होता है।
बिलिरुबिन के उच्च स्तर के क्या कारण हो सकते हैं?
बिलिरुबिन के उच्च स्तर के कई कारण हो सकते हैं, जैसे लिवर की समस्याएं, न्यूबॉर्न जॉन्डिस, हेपेटाइटिस सी और अन्य संक्रमण। अगर बिलिरुबिन का स्तर अधिक है, तो यह पीलिया या का कारण बन सकता है।
हेपेटाइटिस सी और बिलिरुबिन का क्या संबंध है?
लिवर का कार्य बिलिरुबिन को उत्पन्न करना और उसे शरीर से बाहर निकालना है। लिवर में कोई समस्या होने पर, बिलिरुबिन का स्तर बढ़ जाता है। हेपेटाइटिस सी जैसी लिवर की बीमारियां बिलिरुबिन के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं।
बिलीरुबिन का उत्पादन कैसे होता है?
बिलिरुबिन का उत्पादन लिवर में होता है जब हीमोग्लोबिन का विघटन होता है। हीमोग्लोबिन एक प्रोटीन है जो लाल रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है और ऑक्सीजन परिवहन में मदद करता है। जब इन लाल रक्त कोशिकाओं का 120 दिनों में विघटन होता है, तो बिलिरुबिन का उत्पादन होता है। और मल द्वारा बाहर निकल जाता है।